IMD Alert: उत्तर प्रदेश में मानसून के दौरान औसत से कम बारिश को लेकर भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से आंकड़े जारी किया गया है। जिसके आंकड़े आपको परेशान कर सकते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, मानसून की शुरुआत के बाद जून के पहले सप्ताह से 29 जुलाई तक उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 40 में औसत से कम वर्षा हुई है। इन जिलों में से ज्यादातर पूर्वी उत्तर प्रदेश के हैं।
70 फीसदी कम दर्ज की गई बारिश
भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, कौशांबी, कुशीनगर और देवरिया में लंबी अवधि के औसत की तुलना में लगभग 70 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। वहीं, संत कबीर नगर, पीलीभीत, मिर्जापुर, श्रावस्ती, चंदौली, बस्ती और कुछ अन्य जिलों में लंबी अवधि के औसत से बहुत कम बारिश हुई है। जिसके चलते धान और मक्के की रोपाई की तैयारी कर रहे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मेन्थॉल एक और फसल है। जिसे कम बारिश के कारण नुकसान होने की आशंका है।
पूर्वानुमान
वही अगर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त मौसम पूर्वानुमान की माने तो अगले पांच दिनों में हल्के बादल छाए रहने के कारण 29 व 30 जुलाई को मेघ गर्जना एवं बज्रपात के साथ तेज बर्षा होने की संभावना है।