कानपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का शुक्रवार शाम निधन हो गया। 81 वर्षीय श्रीप्रकाश जायसवाल लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। शुक्रवार देर शाम उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने पर परिजनों ने उन्हें किदवई नगर स्थित एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया। यहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उनकी स्थिति गंभीर देखते हुए तुरंत कार्डियोलॉजी विभाग रेफर किया, लेकिन वहां जांच के बाद चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कांग्रेस महानगर अध्यक्ष पवन गुप्ता और ग्रामीण अध्यक्ष संदीप शुक्ला ने उनके निधन की आधिकारिक पुष्टि की।

श्रीप्रकाश जायसवाल का राजनीतिक सफर कानपुर से शुरू हुआ और तीन दशक से अधिक समय तक उन्होंने शहर और प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत स्थान बनाए रखा। वे 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार कानपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। उनकी सहज छवि, जनता के बीच लोकप्रियता, संगठनात्मक पकड़ और स्थानीय मुद्दों पर निरंतर सक्रियता ने उन्हें प्रदेश के दिग्गज नेताओं में शामिल कर दिया।

यूपीए सरकार में उन्हें 2011 से 2014 तक कोयला मंत्रालय की ज़िम्मेदारी सौंपी गई। इस दौरान उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र, उद्योगों और कोल ब्लॉकों से जुड़े कई अहम विषयों पर नीतिगत कार्य किया। ।उनके निधन की खबर मिलते ही कानपुर, लखनऊ और दिल्ली तक के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसे पार्टी के लिए बड़ी क्षति बताया।

वही पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि श्रीप्रकाश जायसवाल हमेशा संघर्षशील, विनम्र और मिलनसार नेता रहे। शहर में उद्योगों के पुनर्जीवन, रोजगार बढ़ाने, ट्रेड यूनियनों से जुड़े मुद्दों और श्रमिक हितों की आवाज बुलंद करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। वे कानपुर के विकास से जुड़े कई परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में भी सक्रिय रहे।





