IIT KANPUR ने लखनऊ छावनी परिषद से मिलाया हाथ,मिलेगा अब यह फायदा

कानपुर,
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (आईआईटीके) ने कच्चा-मुक्त और कार्बन-न्यूट्रल कैम्पस बनाने के अपने संयुक्त मिशन में नॉलेज पार्टनर के रूप में काम करने के लिए लखनऊ छावनी परिषद के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।एमओयू पर कर्नल मयंक सुंदरियाल, कमांडर वर्क्स इंजीनियर (सीडब्ल्यूई), लखनऊ और आईआईटी कानपुर में अनुसंधान और विकास के डीन प्रोफेसर तरुण गुप्ता ने हस्ताक्षर किए।

एक महत्वपूर्ण है कदम –

आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो.एस. गणेश ने बताया कि “उत्कृष्टता के लिए लगातार प्रयासरत एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में,आईआईटी कानपुर जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नवीन और सतत समाधान पेश करने में सबसे आगे है। संस्थान में हाल ही में स्थापित कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी इस दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लखनऊ छावनी परिषद के साथ यह साझेदारी नेट-ज़ीरो लक्ष्यों और कार्बन न्यूट्रैलिटी को आगे बढ़ाने की दिशा में एक और पहल है, जो न केवल एक विकेकशील विकल्प है बल्कि एक रणनीतिक आवश्यकता भी है। समन्वित पहलों के माध्यम से, हमें विश्वास है कि यह हमें हमारे साझा उद्देश्य की ओर महत्वपूर्ण रूप से प्रेरित करेगा।

विकास पथ को करता है संरेखित –

एमओयू पर हस्ताक्षर करने पर आईआईटी कानपुर के अनुसंधान और विकास के डीन प्रो. तरुण गुप्ता ने कहा,“आईआईटी कानपुर और लखनऊ छावनी परिषद के बीच यह सहयोग जलवायु परिवर्तन से लड़ने के वैश्विक प्रयासों का समर्थन करता है, जो एक स्थिर, सतत भविष्य बनाने के समर्पण के साथ हमारे विकास पथ को संरेखित करता है। वही कर्नल मयंक सुंदरियाल, कमांडर वर्क्स इंजीनियर (सीडब्ल्यूई), लखनऊ ने कहा, “यह एमओयू लखनऊ छावनी परिषद की प्रगतिशील दृष्टि को दर्शाता है, जो सतत भविष्य के लिए नवीन समाधान अपनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आईआईटी कानपुर के साथ यह सहयोग और इसकी शैक्षणिक विशेषज्ञता का लाभ उठाने से परिवर्तनकारी पहल का मार्ग प्रशस्त होगा।

नवाचार व जिम्मेदारी की संस्कृति को देता है बढ़ावा-

आईआईटी कानपुर में सस्टेनेबल एनर्जी इंजीनियरिंग विभाग, चंद्रकांत केसवन सेंटर फॉर एनर्जी पॉलिसी एंड क्लाइमेट सॉल्यूशंस और कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी के प्रोफेसर राजीव जिंदल ने कहा, “आईआईटी कानपुर का सक्रिय रुख संस्थान को सतत विकास में अग्रणी के रूप में स्थापित करता है, जो अपने शैक्षणिक समुदाय और उससे परे नवाचार और जिम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा देता है। आईआईटी कानपुर और लखनऊ छावनी परिषद मिलकर अपशिष्ट कटौती और कार्बन न्यूट्रैलिटी परियोजनाओं को कुशलतापूर्वक लागू करके समकक्ष संस्थानों के लिए एक उदाहरण स्थापित करने का इरादा रखते हैं। उनका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने वाले वैश्विक अभियानों का समर्थन करना है। सस्टैनबिलिटी पर जोर देते हुए और डोमेन ज्ञान के साथ, आईआईटी कानपुर कार्बन फुटप्रिंट को संतुलित करने और कम करने के लिए रणनीति तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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