Kanpur Dehat:योगी बाबा की सरकार में एक पुजारी को प्रताड़ित कर रहे हैं अधिकारी -घनश्याम तिवारी (पुजारी)

संवाददाता – आलोक त्रिपाठी

Kanpur Dehat News: कानपुर देहात में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे एक बुजुर्ग पुजारी तहसील से लेकर जिले के अधिकारियों की चौखट के चक्कर लगा लगा कर थक हार के गुरुवार को कलेक्टर परिसर पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गए। बुजुर्ग पुजारी आरोप लगाते हुए कहा कि तहसील से लेकर जिले के अधिकारी कोई भी काम नहीं करते हैं। सिर्फ और सिर्फ एक जगह से लेकर दूसरा तक दौड़ते रहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों से शिकायत कर कर के थक गए हैं पर कहीं पर कोई सुनवाई नहीं है।

जमकर किया जा रहा है भ्रष्टाचार –

कानपुर देहात के अकबरपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम ज्योतिष का है। जहां पर ग्राम सभा में हुए भ्रष्टाचार को लेकर गांव के में बने शिव धाम मंदिर के पुजारी घनश्याम तिवारी जो ग्राम सभा ज्योतिष के ग्राम पंचायत सदस्य भी हैं। वह गुरुवार को कलेक्टर परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गए हैं। उनका आरोप है कि ग्राम पंचायत में हो रहे विकास कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। मैं उस ग्राम पंचायत का सदस्य हूं। मुझे जानने का हक है कि किस तरीके से क्या पैसा कहां लगाया जा रहा है।मैंने आरटीआई के माध्यम से जानना चाहा तो इसमें भी कोई सीधा जवाब मुझे अधिकारियों की तरफ से नहीं दिया गया है।

मुझे किया जा रहा है प्रताड़ित –

पुजारी घनश्याम तिवारी का कहना है कि अधिकारी मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं। जब मैं दफ्तरों में जाता हूं तो इस टेबल उस टेबल और उस टेबल से इस टेबल दौड़ाया जा रहा है। मैं पिछले 4 सालों से अफसरों के दफ्तरों के चक्कर लगा रहा हूं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि जिले के अधिकारी योगी सरकार के जीरो टॉलरेंस की नीति को पलीता लगा रहे हैं। तहसील स्तर में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। उसके बाद भी जिले के अधिकारी उस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस एक बात तो साफ है कि कहीं ना कही जिले के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है।

15 मिनट का था काम पर बीत गया 5 साल –

पुजारी घनश्याम तिवारी का आरोप है कि उन्होंने 5 साल पहले एक जमीन की चाट बंदी दाखिल की थी। लेकिन उसका अभी तक निस्तारण नहीं हो पा रहा है। जबकि सिर्फ 15 मिनट का काम है आदेश होना है लेकिन उसके बाद भी अधिकारी लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं और लगातार अनदेखी कर रहे हैं। जिससे मैं परेशान हो चुका हूं। इसलिए मैं अब धरने पर बैठने के लिए मजबूर हूं। अगर कोई सक्षम अधिकारी मुझसे मिलेगा। तो मैं वह सारे साक्ष्य भी उन अधिकारियों को दूंगा जिनमें अधिकारियों की भ्रष्टाचारियों के भ्रष्टाचार करने के सबूत भी हैं। अगर मुझसे कोई अधिकारी नहीं मिलता है। तो मैं यहीं पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा रहूंगा और प्राण त्याग दूंगा।

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