लखनऊ।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन के समग्र शहरी विकास की विस्तृत कार्ययोजना की समीक्षा की। बैठक की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि “शहरों का विकास केवल सड़कों और भवनों का निर्माण भर नहीं, बल्कि स्थानीय इतिहास, संस्कृति और आधुनिक सुविधाओं का समन्वय होना चाहिए।”
उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया कि सभी परियोजनाएं चरणबद्ध, समयबद्ध और उच्च गुणवत्ता के मानकों के साथ पूरी की जाएं, ताकि जनता को सुधारों का सीधा लाभ मिल सके। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीनों मंडलों के मंडलायुक्तों ने अपनी-अपनी योजनाओं की प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री को बताया गया कि अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर की तर्ज पर अब इन तीन शहरों के लिए भी समेकित विकास मॉडल अपनाया जा रहा है। कुल 478 परियोजनाओं का खाका तैयार किया गया है—मेरठ में 111, कानपुर में 109 और मथुरा-वृंदावन में 258।
◼ 2025-26 में शुरू होंगी प्राथमिक परियोजनाएं
पहले चरण में मेरठ की 11, कानपुर की 13 और मथुरा-वृंदावन की 14 महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम शुरू होगा। इनमें यातायात सुधार, मल्टीलेवल पार्किंग, हरित क्षेत्र, भूमिगत बिजली लाइनें, जल प्रबंधन, चौड़ी सड़कें, पर्यटन सुविधाएं और शहरी सौंदर्यीकरण जैसी मूल संरचनाएं शामिल हैं।
◼ मेरठ—बदलेगा ट्रैफिक और शहरी दृश्य
मेरठ में बिजली बम्बा बाईपास को लखनऊ के ग्रीन कॉरिडोर जैसा आधुनिक स्वरूप देने की तैयारी है, जिसे पीपीपी मॉडल पर विकसित करने की संभावनाएं खोजी जाएंगी। साथ ही लिंक रोड, हापुड़ अड्डा–गांधी आश्रम चौड़ीकरण, प्रमुख चौराहों पर जंक्शन सुधार, संजय वन का विकास, स्मार्ट रोड, यूनिवर्सिटी रोड री-डेवलपमेंट और एसटीपी से औद्योगिक क्षेत्र तक जल पुनर्चक्रण जैसी परियोजनाएं प्रस्तावित हैं।
◼ कानपुर—‘रूटेड इन लेगेसी, राइजिंग टू टुमॉरो’
कानपुर की विकास अवधारणा शहर की औद्योगिक विरासत को संरक्षित रखते हुए भविष्य के आधुनिक स्वरूप पर केंद्रित है। मुख्य परियोजनाओं में मैनावती मार्ग चौड़ीकरण, नई मल्टीलेवल पार्किंग, मास्टर प्लान की सड़कों का विकास, ग्रीन पार्क क्षेत्र का पुनर्सौंदर्यीकरण, मकसूदाबाद सिटी फॉरेस्ट, बॉटेनिकल गार्डन, वीआईपी रोड सुधार, रिवरफ्रंट लिंक, मेट्रो विस्तार और ग्रेटर कानपुर विकास क्षेत्र शामिल हैं।
◼ मथुरा-वृंदावन—‘विजन 2030’ की दिशा में बड़ा खाका
यहां प्रस्तुत मास्टर प्लान श्रद्धालुओं और पर्यटकों की जरूरतों को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है। योजना में स्ट्रीट फसाड डेवलपमेंट, नए प्रवेश द्वारों का सौंदर्यीकरण, मल्टीलेवल पार्किंग, बरसाना-गोवर्धन-राधाकुंड कॉरिडोर सुधार, परिक्रमा मार्ग पर आधुनिक सुविधाएं, और धार्मिक स्थलों तक उत्कृष्ट प्रकाश व संकेतक व्यवस्था शामिल हैं।
◼ नवाचार और निजी निवेश पर जोर
मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि विकास योजनाओं में नवाचार, बेहतर प्रबंधन और वित्तीय संयोजन को प्राथमिकता मिले। जहां संभव हो वहां पीपीपी और रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल के माध्यम से निजी क्षेत्र का सहयोग बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि उद्देश्य ऐसा शहरी ढांचा तैयार करना है जो सुगम यातायात, पैदल यात्रियों को प्राथमिकता, हरित शहर और स्थानीय पहचान को मजबूती दे।मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर राज्य सरकार इन परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त बजट उपलब्ध कराएगी।





