लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मानसून की भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। प्रदेश के कई जिलों में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। प्रशासन अलर्ट मोड पर है और राहत-बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, प्रदेश के 14 जिले वर्तमान में बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें प्रयागराज, वाराणसी, बलिया, जालौन, आगरा, मिर्जापुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, हमीरपुर, बांदा, इटावा, औरैया, फतेहपुर और चित्रकूट शामिल हैं। इन जिलों के सैकड़ों गांव और नगरीय इलाके पानी में घिर गए हैं। कई स्थानों पर संपर्क मार्ग जलमग्न हो गए हैं जिससे लोगों की आवाजाही बाधित हो गई है।
सरकारी रिपोर्टों के मुताबिक, अब तक लगभग 80 हजार लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। राहत के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें तैनात की गई हैं। नावों के माध्यम से फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। वहीं प्रभावितों के लिए अस्थायी शिविर बनाए गए हैं जहां भोजन, पेयजल और चिकित्सा की व्यवस्था की गई है।
राज्य सरकार ने सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबर सक्रिय कर दिए हैं। जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हालात पर कड़ी नजर रखें और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद हालात की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राहत कार्यों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जन-जन की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इधर मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और बारिश की संभावना जताई है, जिससे हालात और गंभीर हो सकते हैं। ऐसे में प्रशासनिक सतर्कता और जनसहयोग ही इस आपदा से निपटने का एकमात्र रास्ता है।
