कानपुर में अपर श्रम आयुक्त, सौम्या पांडे ने मर्चेंट चैंबर हॉल, कानपुर सिविल लाइन में फिक्सी कार्यक्रम के दौरान साइबर क्राइम से संबंधित प्रतियोगिता में भाग लिया। उन्होंने इसमें ऑनलाइन साइबर क्राइम से बचने और इसके बारे में अपने विचार साझा किए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में इंटरनेट का उपयोग बहुत ही ज्यादा तेज गति से हो रहा है। जिसके कारण आने वाले समय में भी इंटरनेट का प्रयोग बढ़ाने वाला है जितना ज्यादा इंटरनेट से कामों को आसानी से कर सकेंगे उतना ही ज्यादा साइबर क्राइम का भी तेजी से दुरुपयोग किया जा रहा है, जिसके कारण आज कई लोगों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा क्राइम है जो की ऑनलाइन इंटरनेट द्वारा होता है। इसके लिए तरह-तरह के कोडिंग का इस्तेमाल होता है जिसके द्वारा किसी की निजी जानकारी को हैक कर लिया जाता है। ऑनलाइन डिजिटल अनेक प्रकार से हैकिंग करना साइबर क्राइम होता है। साइबर क्राइम दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है। साइबर का मतलब ऑनलाइन इंटरनेट इत्यादि द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला यंत्र तकनीक तरीका क्राइम का मतलब होगा। अन्य तरह का गलत काम को करना जैसे चोरी करना, सामान चुरा लेना ,जानकारी चुरा लेना,उसे पर अपना अधिकार जमाना यह सब कुछ एक क्राइम के तहत ही आता है।
इससे बचने के उपाय हैं की साइबर क्राइम का शिकार ना होने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है कि जहां भी अपना अकाउंट क्रिएट करते हैं या किसी प्रकार की ऑनलाइन काम करते हैं तो सबसे पहले एक स्ट्रांग पासवर्ड बनाएं जिसको आसानी से हैंग नहीं किया जा सकता उसको छेड़छाड़ करने से रोका जा सकता है।
साइबर क्राइम से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर में एंटीवायरस का प्रयोग करें क्योंकि एंटीवायरस आपके सिस्टम को सुरक्षित रखता है। वैसा किसी प्रकार के लिंक या वायरस को प्रवेश करने से रुकता है। जो आपका डाटा को हैक नष्ट या क्षति पहुंचा सके साथ ही वाईफाई का उपयोग करने से बचे हैं पर्सनल कंप्यूटर का उपयोग करें।
इस प्रतियोगिता में राहुल मिश्रा, दि साइबर सेफ्टी गुरु और साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर यू पी पुलिस के साथ विशाल विक्रम सिंह, एसपी स्पेशल टास्क फोर्स के द्वारा भी बहुत सी जानकारियां दी गई एवं प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया गया इसके साथ ही प्रतियोगिता में आए हुए छात्र-छात्राएं एवं सदस्य गणों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।