CM Yogi Adityanath: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जनप्रतिनिधियों व जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में मजरे से लेकर हर ग्राम पंचायत, कस्बे, टाउन एरिया, नगर और महानगर में बेहतरीन रोड कनेक्टिविटी के लिए मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी सांसद व विधायकगण अपने क्षेत्र में नई सड़क, बाईपास, पुल-पुलिया के निर्माण और मरम्मत के लिए अगले 15 दिन में प्रस्ताव तैयार करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में, गांव हो या नगरीय क्षेत्र सड़कें अच्छी होनी चाहिए। इसके लिए सांसद और विधायकगण को भी प्रयास करना होगा। सड़कों के निर्माण के लिए धन की कोई कमी नहीं है। ऐसे में सभी जनप्रतिनिधिगण अपने जिले के प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में कोर कमेटी के साथ संवाद कर जिला प्रशासन के साथ मिलकर प्रस्ताव तैयार करें। जहां कहीं भी नई सड़क की जरूरत हो, पुराने की मरम्मत करानी हो, सेतु निर्माण, रिंग रोड/बाईपास, प्रमुख/अन्य जिला मार्ग अथवा सर्विस लेन आदि की आवश्यकता हो, इसके लिए जनप्रतिनिधिगण शासन को प्रस्ताव भेजें। इस सम्बन्ध में शासन स्तर से तत्काल निर्णय लिया जाएगा। अगर किसी मजरे में मात्र 250 लोगों की आबादी है, तो भी वहां पक्की सड़क की सुविधा मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में बाईपास मार्ग नहीं है, वहां के जनप्रतिनिधि आवश्यकतानुसार प्रस्ताव तैयार करें। धार्मिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक अथवा पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों की बेहतर कनेक्टिविटी के लिए भी पर्याप्त बजट की व्यवस्था की गई है। पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए ऐसे क्षेत्रों की सड़कों का चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण किया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक, लॉजिस्टिक्स पार्क, चीनी मिल परिक्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी आवश्यक है। तहसील और ब्लॉक मुख्यालय को 2-लेन सड़क से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि इण्टरनेशनल व इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए कार्य जारी हैं। सीमा पर ’मैत्री द्वार’ भी तैयार कराए जा रहे हैं। जनप्रतिनिधि इस सम्बन्ध में भी अपने प्रस्ताव दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों की मरम्मत, गड्ढामुक्ति के प्रदेशव्यापी अभियान को पहले चरण में आगामी 10 अक्टूबर तक सम्पन्न करने के निर्देश दिए। भारी वाहनों की ओवरलोडिंग के विरुद्ध कार्यवाही ’जीरो प्वाइण्ट’ पर की जाए। सड़क पर सामान्य आवागमन बाधित कर जांच करने की बजाय, जहां से वाहन चलना प्रारम्भ किया है, वहीं कार्यवाही करें।