यह पर रुके थे सूर्यदेव,बिना दर्शन किए पूरी नहीं होती अयोध्या की यात्रा

अयोध्या,
सनातन धर्म की सप्तपुरियों में सर्वप्रथम अयोध्या के त्रेतायुगीन वैभव व आधुनिक विकास का समुचित तालमेल सूर्य कुंड में देखने को मिल रहा है। यह वह स्थान है जहां कभी सूर्य भी आकर ठहर गए थे और कहते हैं तब अयोध्या में एक महीने तक रात नहीं हुई थी। पौराणिक विवरणों में उल्लेखित सूर्य कुंड आध्यात्मिक व ऐतिहासिक धरोहर है। यह भी माना जाता है कि अयोध्या की यात्रा जब तक सूर्यकुंड के दर्शन नहीं कर लिए जाते हैं तब तक पूरी नहीं मानी जाती है।

कुंड में स्नान से कुष्ठ व चर्म रोग होते हैं दूर –

मान्यता है कि जब भगवान राम का राज्याभिषेक हो रहा था, तब उस समय सारे देवता अयोध्या आए थे और उनमें सूर्य देवता भी थे। सूर्य देवता दर्शन नगर के पास रुके थे, जिसको आज सूर्य कुंड के नाम से जाना जाता है और वहां पर सूर्य देवता का एक मंदिर भी है। मान्यता है कि इसी स्थान पर सूर्य का रथ रुका था और उस वक्त अयोध्या में एक महीने के लिए सूर्यास्त नहीं हुआ। कहते हैं कि सूर्य के रथ के यहां धस जाने के कारण यहां कुंड का निर्माण हुआ। एक मान्यता यह भी है कि जब चरक ऋषि ने यहां स्नान किया था तो उनका कुष्ठ रोग दूर हो गया था। ऐसे में, जो भी कुष्ठ व चर्म रोगी यहां स्नान करता है उसकी बीमारियां ठीक हो जाती हैं तथा उसे आरोग्य व अखंड पुण्य की प्राप्ति होती है।

इस वजह से है सूर्य कुंड खास –

यहां चूना और गुड़ से मंदिर व कुंड की बाहरी दीवारों का संरक्षण किया गया है। इसके साथ ही, कुंड के रखरखाव की प्रक्रिया व यहां भव्य पार्क डेवलप करने की प्रक्रिया को भी पूर्ण किया गया है। कुल मिलाकर 40.95 करोड़ के जरिए मेकओवर किया गया है। यहां कई स्थानों पर म्यूरल आर्ट के जरिए भी सजाया जा रहा है, जिसमें रामायण के प्रसंगों समेत पौराणिक घटनाओं व पात्रों के मनमोहक चित्रण को देख लोग सुखद आश्चर्य से भर उठते हैं।

विख्यात कुंड के जाग उठे भाग्य –

2019 में आए राम मंदिर के फैसले के बाद प्रदेश सरकार ने जब अयोध्या की दशा-दिशा बदलने का बीड़ा उठाया तो इस विख्यात कुंड के भी भाग्य जाग उठे। यहां 40.95 करोड़ रुपए की लागत से
जीर्णोद्धार व विकास कार्यों को गति दी तो इस पावन पौराणिक कुंड को नई आभा प्राप्त हुई।
आज यह कुंड लोगों को आरोग्य व पुण्य का प्रसाद देने के साथ ही उनके मनोरंजन का भी प्रमुख केंद्र बन गया है। यहां विकसित पार्क में लेजर शो समेत तमाम आकर्षण विकसित किए गए हैं जिससे पर्यटक यहां खिंचे चले आ रहे हैं।

दिखाई जाती है रामायण –

इस साथ ही यहां कुंड पर बीते गुरुवार से भव्य साउंड व लेजर शो आयोजन शुरू हुआ है। यहां आधे घंटे के लेजर शो का आयोजन होता है जिसमें सूर्य कुंड की आभा, पौराणिक वैभव व सूर्यकुल की परंपरा के बारे में बताया जाता है। कुंड पर विभिन्न स्थानों पर बड़े-बड़े इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले भी लगाए गए हैं जिनमें रामानंद कृत रामायण को दिखाया जाता है। इसके अलावा भक्ति गीत और सरकारी योजनाओं के बारे में इनके जरिए जागरुकता का प्रसार भी किया जाता है। कुंड पर एक विशिष्ट सांस्कृतिक स्थल भी है जो ओपन एयर थिएटर का कार्य करता है। यहां विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन भी 15 जनवरी से 22 जनवरी के मध्य होगा।

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