अग्निकांड: मां से छिना बेटा, पत्नी से पति और बच्चों से पिता का साया”

Kanpur Dehat fire accident:कानपुर देहात में रनिया के खानपुर खड़ंजा रोड पर आरपी पॉली प्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री के अग्निकांड ने 6 परिवारों के चिराग को बुझा दिया है। इसी हादसे में फैक्ट्री से 40 से 50 किलोमीटर की दूरी पर रहने वाले भोगनीपुर के अनंतापुर निवासी अमित व सुजौर निवासी लवकुश ने भी अपनी जान गवा दी है। अमित व लवकुश की मौत के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। तो वही परिजन अपने-अपने बेटों को याद कर बेसुध हो जा रहे हैं। वही पिता अमित को खो चुके अंजन मासूम बच्चे अपने पिता का आने का इंतजार कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस हादसे ने दोनों परिवारों को न केवल आर्थिक बल्कि भावनात्मक रूप से भी तोड़ दिया है।

पत्नी बोली कुछ नहीं चाहिए पति लौटा दो –

रनिया फैक्ट्री में अग्निकांड का शिकार हुए मृतक अमित की पत्नी रुबी का रो-रो कर बुरा हाल था। वह बार-बार बेसुध होकर जमीन पर गिर रहीथी। पत्नी का कहना था उसे कुछ नहीं चाहिए वह बहुत गरीब है ना ही उसके पास खेती है ना ही उसके पास पैसे हैं और पति था वह भी चला गया। यह सुन आसपास की लोगों की आंखों में भी आंसू थे। वही मृतक अमित के दो छोटे बच्चे या नहीं समझ पा रहे थे कि आखिर हुआ है तो क्या हुआ है वह तो सिर्फ हाथों में चॉकलेट का पैकेट लिए अपने पिता का इंतजार कर रहे थे। वहीं रो रो कर बच्चों की मां कह रही थी अब तुम्हारे पिता लौट कर नहीं आएंगे।

बेटे को याद कर चिल्ला कर रो रही थी मां –

रनिया फैक्ट्री में अग्निकांड का शिकार हुए मृतक लवकुश के गांव में भी सन्नाटा पसरा हुआ था। घर के बाहर मातम छाया था मां शर्मीला रो रही थी और अपने बेटे को बुला रही थी। आसपास मौजूद अन्य लोग व महिलाएं लवकुश की मां की चीखों को सुनकर भावुक हो रहे थे। और पास में खड़ी महिलाएं लवकुश की मां को समझ रही थी।

बन चुका है काला अध्याय –

वही स्थानीय लोगों और रिश्तेदारों का कहना है कि इस घटना ने उनके जीवन में अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। घटना की जांच की जा रही है और प्रशासन ने पीड़ित परिवारों की मदद के लिए सहायता भी कर देगी।लेकिन इस दर्द को कोई भी राहत नहीं दे सकता। यह हादसा इन परिवारों के लिए एक काला अध्याय बन गया है।जिनके चिराग अब बुझ चुके हैं।

क्या था मामला –

रनिया के खानपुर खड़ंजा रोड पर आरपी पॉली प्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी, जिसके कारण एलपीजी गैस सिलेंडर से फैक्टरी में विस्फोट हो गया और छत ढह गई। इस दौरान जब शेड को हटाया गया तो तीन लोगों की मौत हो गई थी। वहीं घायलों को इलाज के लिए कानपुर और लखनऊ भेजा गया था। जिसमे अमित (19) नाम के एक मजदूर ने लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल में दम तोड़ दिया, जबकि अजीत (16) और विशाल (20) ने लखनऊ के एसजीपीजीआई में अंतिम सांस ली। इस हादसे में 6 लोगों की मौत हुई थी वही चार गंभीर रूप से घायल हुए थे।जिनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।

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