कानपुर,
कानपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो तो सिर्फ एक बहाना था लेकिन टिकट वितरण के बाद से कानपुर और अकबरपुर में प्रत्याशियों को लेकर शुरू हुई स्थानीय कार्यकर्ता व पदाधिकारी के साथ साथ विधायकों के बीच चल रही खींचातानी व नाराजगी को समाप्त करना उनकी पहली प्राथमिकता थी। जिसके चलते रोड शो से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन कानपुर से भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी के साथ जिले के सभी सातों विधायकों के साथ बैठक करी।
पार्टी सूत्रों की माने तो इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के अंदर चल रही की खींचतान पर चिंता जताई और सभी को वोट प्रतिशत बढ़ाने का मूल मंत्र दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्त पदधिकारी व विधायकों को एकजुट होकर काम करने का मूलमंत्र भी दिया। इस साथ ही इस बार जीत का अंतर बढ़ाने का लक्ष्य सभी पदाधिकारी व विधायकों को दिए है।
बताते चलें कि कानपुर संसदीय सीट पर रमेश अवस्थी को टिकट दिए जाने के बाद पार्टी के बहुत से लोग निष्क्रिय हो गए थे। वहीं बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक प्रकाश शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था और टिकट पर दोबारा विचार करने की बात भी कही थी। उन्होंने इस पर नामांकन पत्र भी खरीद लिया था। दूसरी ओर अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र में देवेंद्र सिंह भोले के टिकट से नाराज बिटूर के विधायक अभिजीत सिंह सांगा उनके नामांकन जुलूस में नहीं आए थे।
पार्टी के अंदर के इन हालात को देखते हुए जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सांगा को बुलाकर देवेंद्र सिंह भोले के साथ सभा करने के लिए कहा था। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने प्रकाश शर्मा से बात कर उनकी नाराजगी को दूर करने का काम किया था। वही कानपुर व अकबरपुर में पार्टी के अंदर चल रहे विवाद की जानकारी होने के बाद खुद गृह मंत्री अमित शाह कानपुर पहुंचे थे और लगभग 1 घंटे की लंबी बैठक के बाद उन्होंने खींचातानी व नाराजगी समाप्त करने का प्रयास किया था। हालांकि पार्टी के अंदर चल रहा है इस विवाद की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी हो चुकी थी।