गोरखपुर में पर्यावरण संरक्षण की नई पहल: मुख्यमंत्री ने खोला हाथी रेस्क्यू सेंटर और तितली उद्यान

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खाँ प्राणि उद्यान में हाथी रेस्क्यू सेंटर और तितली उद्यान का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने पीलीभीत टाइगर रिजर्व से लाए गए बाघ का नाम ‘केसरी’ और बहराइच से लाए गए भेड़ियों के जोड़े का नाम ‘भैरव’ और ‘भैरवी’ रखा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एक टेबल बुक का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर के इस प्राणि उद्यान में विभिन्न प्रकार के प्राणियों को देखा जा सकता है। यहां एक हाथी रेस्क्यू सेंटर भी खोला गया है, जहां ‘गंगा’ नामक हाथी को रेस्क्यू करके रखा गया है। इसके अलावा, इस उद्यान में पीलीभीत से लाए गए बाघ और बहराइच से रेस्क्यू किए गए भेड़ियों को भी देखा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने उद्यान के 121 एकड़ क्षेत्रफल और 350 से अधिक प्राणियों की उपस्थिति की जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हमें प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए जानवरों और पर्यावरण के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि डबल इंजन सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिसमें वृक्षारोपण अभियान भी प्रमुख है। पिछले सात-आठ वर्षों में राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया है, जिससे प्रदेश के वनों का आच्छादन बढ़ा है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज की आवश्यकता है कि हम सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग से बचें और हर साल कम से कम 10 पौधे लगाएं। इसके साथ ही, हमें जल का संरक्षण और प्रदूषण से बचाव करना चाहिए। उन्होंने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के महत्व को भी रेखांकित किया।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पर्यावरण के प्रति लोगों की संवेदनशीलता बढ़ी है, जिसे इस प्राणि उद्यान में आने वाले 30 लाख से अधिक लोगों की संख्या से देखा जा सकता है।

इस अवसर पर वन और पर्यावरण राज्यमंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश की विकास यात्रा की सराहना की और गोरखपुर क्षेत्र के पर्यावरण और रोजगार सृजन के प्रयासों की तारीफ की। कार्यक्रम में वन और पर्यावरण राज्य मंत्री के.पी. मलिक, सांसद रवि किशन शुक्ला और अन्य जनप्रतिनिधि तथा शासन-प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे।

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